शादी-ब्याह: बढता दिखावा-घटता अपनापन

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हमें यह जानना होगा कि अगर समाज में दिखावे की प्रवृत्ति बढ़ रही है तो इसकी वजह क्या है? आज लोगों को पहले की तुलना में पैसे कमाने के ज्यादा विकल्प मिल रहे हैं। पहले लोग अपनी सीमित आमदनी में भी संतुष्ट रहना…

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ख्वाबों की पारी

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बिना ख्वाब के ज़िंदगी बेकार है, सपनों के बिना हर रोज़ अधूरा है। रंग भरे ख्वाबों से भरी ये ज़िंदगी, उसके बिना बस एक सांस अधूरी है। हर पल एक नया सफ़र, हर पल एक नयी राह, सपनों की उड़ान जो स्वप्न से…

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सपनों की उड़ान

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चलो एक कविता साझा करते हैं: जीवन की राहों में चलते, सपनों की बाहों में खो जाते। सूरज की किरणों से लिए, चाँदनी की चादर ओढ़े। हर दिन का एक नया इंतजार, मिलता है खुदा का प्यार। मुस्कान की राहों में चलो, दर्द…

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अजब सिंह की रहस्यमय दुनिया

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ज़माना था, एक छोटा सा गाँव था जहाँ सब लोग खुश थे और एक दूसरे का साथ देते थे। इस गाँव का नाम था सुंदरनगर। यहाँ के लोग बहुत ईमानदार और मेहनती थे। एक दिन सुंदरनगर में एक अजीब और गरीब आदमी आया।…

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पन्नों की धारा

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किताब के बारे में एक कविता: अक्षरों की सांझ पर खोजता हूँ, पन्नों के बीच खोया हुआ हूँ। किताबों की जद्दोजहद से भरी, मन की गहराईयों में पिघली तारीफ़। हर शब्द में छुपा है अनगिनत कहानियाँ, जीवन के रहस्यों की भरी मिसालें। किताबों…

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जीवन की रंगीनी

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आसमान के नीले रंग में, छुपी है चाँदनी की चमक। सितारों की रोशनी में, है छिपा हर सपनों का अरमान।   प्रकृति की सुंदरता से, भरी है यह दुनिया सारी। हर एक पल में, हर एक अंश में, छिपी है अनगिनत कहानियाँ प्यारी।…

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