बाबुल की देहरी

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बाबुल की देहरी @डॉ शिप्रा मिश्रा घर में प्रवेश करते ही नजर आलमारी पर जा रुकी- शर्बत सेट, किताबें, कैसेट्स और न जाने क्या-क्या अबाड़-कबाड़। मन में आया अभी उठाकर सबसे पहले इन्हें बाहर फेंक दूँ।मात्र 5-6 वर्षों में क्या कुछ नहीं बदल…

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शादी-ब्याह: बढता दिखावा-घटता अपनापन

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हमें यह जानना होगा कि अगर समाज में दिखावे की प्रवृत्ति बढ़ रही है तो इसकी वजह क्या है? आज लोगों को पहले की तुलना में पैसे कमाने के ज्यादा विकल्प मिल रहे हैं। पहले लोग अपनी सीमित आमदनी में भी संतुष्ट रहना…

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जीवन की रंगीनी

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आसमान के नीले रंग में, छुपी है चाँदनी की चमक। सितारों की रोशनी में, है छिपा हर सपनों का अरमान।   प्रकृति की सुंदरता से, भरी है यह दुनिया सारी। हर एक पल में, हर एक अंश में, छिपी है अनगिनत कहानियाँ प्यारी।…

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